


खबर उत्तरकाशी से है जहां सिलाई बैन्ड के में हुए भूस्खलन के बाद यमनोत्री धाम की यात्रा फिर शुरू हो गयी है जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने क्षेत्रीय विधायक संजय डोभाल की उपस्थिति में स्यानचट्टी में आपदा से क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों के संबंध में ग्रामीणों के साथ बैठक की। बैठक में ग्रामीणों ने स्यानचट्टी के पास कुंसाला,कुपड़ा और त्रिखली गांवों को जोड़ने वाले मोटर पुल की एप्रोच सड़क के पुनर्निर्माण,ग्रामीण पैदल मार्गों के दुरुस्तीकरण तथा स्यानचट्टी में बाढ़ सुरक्षा कार्यों की मांग की। इसके अलावा स्यानचट्टी में गदेरे से आए मलबे के कारण नदी के बहाव को सुचारू करने की भी आवश्यकता जताई गई। जिलाधिकारी ने आश्वस्त किया कि सड़क मार्गों को शीघ्र बहाल करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। स्यानचट्टी में मलबा के कारण रुके हुए पानी की निकासी के लिए सिंचाई विभाग द्वारा कार्य किया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में चारधाम यात्रा बाधित नहीं है। यमुनोत्री धाम से लौटने वाले श्रद्धालु ओजरी तक ट्रांशिपमेंट के माध्यम से आ रहे हैं इसके बाद लगभग 400 मीटर पैदल मार्ग से सिलाई बैंड तक पहुंच रहे हैं। सिलाई बैंड से आगे यात्रियों को फिर ट्रांसशिपमेंट व्यवस्था के माध्यम से उनके गंतव्य तक भेजा जा रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि सिलाई बैंड के पास सड़क मार्ग को सुचारू करने का कार्य अंतिम दौर में है। फिनिशिंग का कार्य चल रहा है इसके बाद वाहन ओजरी के एक छोर तक आ सकेंगे। हालांकि जब तक ओजरी से आगे का सड़क मार्ग पूरी तरह से सुचारू नहीं हो जाता तब तक ओजरी से यात्रियों को ट्रांसशिपमेंट के माध्यम से ही आगे भेजा जाएगा।जिलाधिकारी ने सिलाई बैंड से स्यानचट्टी तक पैदल पहुंचकर आपदा से क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों का जायजा लिया। तथा अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए। पैदल मार्ग पर आईटीबीपी,एसडीआरएफ,वन और पुलिस के द्वारा तीर्थ यात्रियों का सुरक्षित रूप से आवागमन कराया। जानकीचट्टी,राणा चट्टी व स्यानचट्टी से ट्रांशिपमेंट के माध्यम से करीब 400 तीर्थ यात्री बड़कोट आए। पैदल मार्ग पर यात्रियों को जलपान आदि की व्यवस्था प्रशासन के द्वारा की गई थी। इस दौरान जिलाधिकारी ने पैदल मार्ग पर यात्रियों से बातचीत की।